Types of Internet Accounts – Shell Types of Internet Accounts – Shell Account and PPP Account
Types of Internet Accounts – जब हम Internet को किसी Local Area Group जैसे कि किसी School या College की Computer Lab में अथवा किसी अन्य Organization में Use कर रहे होते हैं, तब एक ही Internet Connection को Local Area Networking के माध्यम से सभी Computers पर Run करना होता है।
Types of Internet Accounts – जब हम Internet को किसी Local Area Group जैसे कि किसी School या College की Computer Lab में अथवा किसी अन्य Organization में Use कर रहे होते हैं, तब एक ही Internet Connection को Local Area Networking के माध्यम से सभी Computers पर Run करना होता है।
ऐसे में जिन भी Computers पर Internet Connection को Use करना होता है, उन सभी का आपस में Networking के माध्यम से Connected होना जरूरी होता है और इस Networking को कई तरह के Accounts का प्रयोग करते हुए Perform किया जा सकता है, जिनमें से विशेष रूप से Create किए जाने वाले दो Accounts का Description निम्नानुसार हैं-
PPP Account
Computer Networking के अन्तर्गत PPP Account वास्तव में Point-to-Point Protocol को Represent करता है, जिसका प्रयोग दो Nodes(Devices) के बीच Direct Connection Establish करने के लिए किया जाता है। ये Protocol, Connection Establish करने वाले दोनों Devices के बीच Connection Authentication करने, Transmission के दौरान Data को Encrypt करने व Compress करने से सम्बंधित सभी जरूरी कामों को पूरा करता है।
इस PPP Protocol का प्रयोग Serial Cable, Phone Line, Trunk Line, Cellular Telephone, Specialized Radio Links व Fiber Optic Links जैसे विभिन्न प्रकार के Physical Networks में किया जाता है। साथ ही विभिन्न ISPs (Internet Service Providers) द्वारा Customers को Dialup Connections के माध्यम से Internet Service Provide करने के लिए भी इस Protocol को Use किया जाता है।
यानी जब User, Dialup Connections के माध्यम से Internet से Connect होना चाहता है, तब उसका ISP, Dialup Connection स्थापित करने हेतु उस User को जो Account Provide करता है, उसे PPP Account कहते हैं।
PPP Account के अन्तर्गत इस PPP Protocol को मूलत: दो अन्य Protocols Point-to-Point Protocol over Ethernet (PPPoE) व Point-to-Point Protocol over ATM (PPPoA) के रूप में Use किया जाता है, जो कि वास्तव में PPP Protocol की विभिन्न Functionalities को ही Inherit करते हैं।
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जब हम Fast Internet Connection प्राप्त करना चाहते हैं, तब किसी Internet Service Provider के पास Fast Internet Connection हेतु Registration करते हैं, जिसके परिणामस्वरूप वह Service Provider हमारे Registration को Accept करते हुए हमारे लिए एक नया Account Create करता है, ताकि वह हमारे द्वारा Use किए जाने वाले Internet Services की जानकारी रख सके कि हमने कितना Internet Use किया है और हमारे द्वारा Use किए गए Internet की मात्रा के अनुसार हमें Charge कर सके। इसी Account को वास्तव में PPP Account कहा जाता है।
सामान्यत: हम जो Fast Internet Connection यानी Broadband Service प्राप्त करते हैं, उस Service को BSNL या MTML जैसी Companies हमें DSL (Digital Subscriber Line) के माध्यम से उपलब्ध करवाती हैं और क्ैस् के माध्यम से आने वाली Internet Service को Use करने हेतु Connection Establish करते समय हमें PPPoE या PPPoA Protocols को Use करना पडता है।
Shell Account
PPP Account की तरह ही हम हमारे ISP के पास Shell Account भी Register कर सकते हैं, जो कि हमें Internet के माध्यम से किसी दूरस्थ Remote Computer System से Connection स्थापित करने की सुविधा Provide करता है।
लेकिन Shell Account की सबसे बड़ी कमी ये होती है कि ये पूरी तरह से CUI (Character User Interface) पर आधारित होता है और हम Remote Server पर जो भी Action Perform करना चाहते हैं, उसे Perform करने के लिए हमें Telnet या SSH जैसे किसी Command Line Interface को Use करते हुए किसी न किसी प्रकार का Command लिखकर Perform करना होता है।
Shell Accounts सामान्यत: या तो Low Cost होते हैं या फिर पूरी तरह से Free होते हैं। सामान्यत: जब हम Shell Account के माध्यम से Internet से Connection स्थापित करना चाहते हैं, तब हम Internet से Directly Connect नहीं होते बल्कि हम हमारे ISP के विभिन्न Computer Systems में से किसी एक Remote Computer System से Connect होते हैं और उस Remote Computer System के Data को Telnet या SSH जैसे किसी Client Software के माध्यम से Access व Manipulate करते हैं।
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लेकिन उस Remote Computer System पर हम हमारे Client Software का प्रयोग करते हुए Directly Login नहीं होते बल्कि उस Remote Computer पर हमारे लिए हमारे ISP द्वारा एक अलग Account Create किया जाता है जिसका एक Specific Credential यानी Username व Password होता है।
हमारे ISP द्वारा Remote Server पर हमारे लिए Create किए गए Special Account को Shell Account कहा जाता है, जिसके माध्यम से हम उस Remote Computer पर Login करके उसके Resources को Access व Manipulate करने की क्षमता प्राप्त करते हैं।
Shell Account को यदि बिल्कुल ही सरल भाषा में समझने की कोशिश करें, तो जब हम हमारे Computer System पर Installed Windows या Linux Operating System में एक नया User Create करते हैं, ताकि एक ही Computer System को एक से ज्यादा Users Different तरीके से Configure व Customize कर सकें, तो प्रत्येक User का एक नया User Account बनता है।
ठीक इसी तरह से हमारे ISP द्वारा भी हमारे लिए किसी Remote Server Computer पर एक नया User Account बनाया जाता है और हम हमारे उस Remote Account के Resources को केवल Command Prompt (जिसे Linux Operating System की भाषा में Shell कहा जाता है।) से ही Access व Manipulate कर सकते हैं, इसलिए Remote Computer पर Create किए गए हमारे Remote Account को Shell Account कहा जाता है।
इस प्रकार से यदि हम PPP Account व Shell Account की तुलना करें, तो दोनों ही Accounts हमें Internet से Connect होने की सुविधा प्राप्त होती है। लेकिन PPP Account को Use करते हुए हम सम्पूर्ण Internet को Web Browsers व अन्य GUI (Graphical User Interface) Tools के माध्यम से Visually Access व Manipulate कर सकते हैं, जबकि Shell Accounts को Use करने पर हमें हमारा सारा काम विभिन्न प्रकार के Manual Commands लिखते हुए किसी Command Prompt आधारित Shell या Client Program के माध्यम से Perform करना पडता है।
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